मंगलवार, 11 अगस्त 2009

* * * * * * *

सनातन देश, भारत
सनातन = जिसका आदी-अंत नहीं, जो अजन्मा - अविनासी है, जो सदैव ( वर्त्तमान ) है, जो सम्पूर्ण अस्तित्व का कारण है, जो पूर्ण है और सम्पूर्ण को धारण करने के करण एक मात्र वही धर्म है. { धर्म = धारण करने वाले का मर्म, ( ध = धारण करने वाला, मर्म = ज्ञान) }
अर्थात जो सनातन है, वही परम पिता परमात्मा है, ईश्वर है.
उस परम पिता परमात्मा, ईश्वर का देश,भारत = सनातन देश, भारत
परमपिता परमात्मा, ईश्वर की संस्कृती- =सनातन संस्कृति. = भारतीय संस्कृती
आदरणीय महानुभाव, सनातन देश,भारत में आप का हार्दीक स्वागत है - सुस्वागतम्
अपने ह्रदय के भाव,कृपया प्रेषीत करें!
*धन्यवाद*
आपका -स्वामी श्री जी
प्रवर्तक :नटराजक्रिया योग (सभी योगो से अनूठा ,नया ,दिव्य, योग )